Monday, May 29, 2023

बेसिक शिक्षा विभाग : छात्र तथा शिक्षक की समस्याएं ।

 बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता पर हमेशा प्रश्न उठता रहा है । सभी सरकार इस विभाग में नया सुधार के लिए प्रयासरत है । पिछले 10 वर्ष से इस विभाग में व्यापक सुधार आया है। इस योगी सरकार में बहुत से परिवर्तन हुए है । लेकिन यह परिवर्तन पर छात्रों तथा शिक्षको की समस्याओं पर भारी पड़ रहा है।

बेसिक शिक्षा परिषद में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से है और अधिकतम बच्चे ओबीसी, एससी,एसटी जाति के रहने वाले है। ये सभी बच्चे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले है । जिन्हें आने रोजी रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।
समस्याएं दोनों के साथ है । चाहे शिक्षक हो या शिक्षार्थी।  बेसिक शिक्षा एक संघर्ष है । जो सरकार इस विभाग को देखती है उसके लिए भी चुनौती की बात होती है । आखिर कैसे क्या नियम बनाये जाय कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले । और गरीब घर के बच्चे काम करने के बजाय स्कूल आने की सोचे । 
शिक्षक की समस्या:
शिक्षक के सामने सबसे बड़ी समस्या छात्रों की नियमित उपस्थिति को लेकर है । विद्यालय के अधिकतम छात्र रोज विद्यालय नही आते । जिससे शिक्षक को पढ़ने में असहजता लगती है । जिस बच्चे को पढ़ाया जाता है फिर होम वर्क दिया जाता है यह सोचकर कि कल लड़का आएगा तो उसे काम का निरीक्षण करके ये पता लगाया जा सकता है कि बच्चा कितना समझ रहा है । उसको और अलग तरीके से समझाया जा सकता है ।
शिक्षक की दूसरी समस्या ये है कि छात्र पेन और कॉपी भी नही लेकर आते है । अगर लाते भी है तो एक दूसरे की चोरी कर लेते है या उसे सुव्यवस्थित नही रख पाते है । 
परिषदीय विद्यालयों में 90 प्रतिशत बच्चे गरीबी रेखा से नीचे वाले आते है । उनके पास खाने तक के पैसे नही होते है । 

1.Infrastructureपरिषदीय शिक्षको की सबसे बड़ी समस्या कक्षा कक्ष की है । आज भी परिषदीय स्कूल की भवन जर्जर है और बरसात में पानी टपकता है । पिछले दिनो स्कूल का छज्जा गिरने से 6 वर्षीय लड़की की मृत्यु हो गयी । आये दिन स्कूलों में जहरीला साँप निकलने की घटना होती है । स्कूल परिसर में ग्रमीणों का अतिक्रमण अलग से परेशानी का कारण बना हुआ है । बहुत से विद्यालय विद्युतीकरण से वंचित है । बेसिक शिक्षा परिषद के बहुत से विद्यालयो में पर्याप्त कक्षा कक्ष नही है । 

2. Children From illiterate Family: 
शिक्षक के लिए दूसरी बड़ी समस्या ये है कि परिषदीय स्कूलों में बच्चे अधिकतर अशिक्षित परिवार से आते है । उनको शिक्षा के बारे में नही पता होता है । बच्चे स्कूल जाए या न जाये इससे उनको ज्यादा फर्क नही पड़ता है । बच्चे जब घर होमवर्क लेके जाते है तो उनके घर कोई उस होने वर्क को पूरा कराने वाला भी नही होता है । जिससे बच्चे होमवर्क पूरा नही कर पाता है और अगले दिन स्कूल आने से डरता है 

3.Poverty.बेसिक शिक्षा परिषद में नामांकित छात्रों की अधिकांश संख्या गरीब परिवार से होती है। बच्चों को सारी जरूरत की चीजें जैसे ड्रेस,जूता,मोजा,किताब सरकार द्वारा मुफ्त में दी जा रही है किंतु पेन और कॉपी अभिभावक को खुद खरीदना होता है । बेसिक शिक्षा विभाग के बच्चे इतने गरीब परिवार से आते है कि उनके लिए पेन और कॉपी भी खरीदना एक संघर्ष होता है ।
बहुत से बच्चे बिना पेन कॉपी के  ही विद्यालय आते है जिससे अध्यापक को पढाने में समस्या होती है ।
इस प्रकार बेसिक शिक्षा परिषद में बच्चों तथा शिक्षको दोनों के लिए उपयुक्त संसाधन मौजूद नही है ।

छात्र की समस्या:छात्रों की मुख्य समस्या उनका विकास की मुख्य धारा से कट जाना है । इस विभाग में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे गरीब तथा पिछड़े परिवार से आते है वे स्कूल में बैठने पर असहज महससू करते है । उनके लिए पढ़ने से ज्यादा महत्वपूर्ण काम बकरी चराना होता है।  
विद्यालय से मिले हुए ड्रेस को मेला, रिस्तेदारी, शादी आदि में पहन कर घूमते है ।